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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 22 फरवरी 2021 को असम और पश्चिम बंगाल का दौरा करेंगे। प्रधानमंत्री सुबह लगभग 11:30 बजेअसम के धेमाजी के सिलापाथर में आयोजित एक कार्यक्रम में तेल एवं गैस क्षेत्र की महत्वपूर्ण परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री इंजीनियरिंग कॉलेजों का शिलान्यास और उद्घाटन भी करेंगे। लगभग 4:30 बजे, प्रधानमंत्री पश्चिम बंगाल के हुगली में कई रेलवे परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित और उनका उद्घाटन करेंगे।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इंडियन ऑयल की बोंगाईगांव रिफाइनरी में इंडमैक्स इकाई, डिब्रूगढ़ के मधुबन मेंऑयल इंडिया लिमिटेड के सेकेंडरी टैंक फार्म औरतिनसुकिया के मकुम के हेबड़ा गांवमें एक गैस कंप्रेशर स्टेशन को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। प्रधानमंत्री धेमाजी इंजीनियरिंग कॉलेज का उद्घाटनऔर सुआलकुची इंजीनियरिंग कॉलेज का शिलान्यास भी करेंगे। ये परियोजनाएं ऊर्जा सुरक्षा और समृद्धि के युग की शुरुआत करेंगीऔर स्थानीय युवाओं के लिए अवसरों के उज्ज्वल रास्ते खोलेंगी। ये परियोजनाएं पूर्वी भारत के सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के प्रधानमंत्री के पूर्वोदय के दृष्टिकोण के अनुरूप हैं। इस अवसर पर असम के राज्यपाल एवं मुख्यमंत्रीऔर केन्द्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री भी उपस्थित रहेंगे।

इंडियन ऑयल की बोंगाईगांव रिफाइनरी में इंडमैक्स इकाई, भारी फीडस्टॉक्स से अपेक्षाकृत उच्चतर एलपीजी और उच्च-ऑक्टेन गैसोलीन का उत्पादन प्राप्त करने के लिए इंडियन ऑयल- अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित तकनीक का लाभ लेती है। यह इकाई रिफाइनरी की क्रूड प्रोसेसिंग क्षमता को 2.35एमएमटीपीए (मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष) से बढ़ाकर ​​2.7 एमएमटीपीए कर देगी। इस इकाई कापरिचालन शुरू होने से एलपीजी का उत्पादन 50 टीएमटी (हजार मीट्रिक टन) से बढ़कर 257 टीएमटी और मोटर स्पिरिट (पेट्रोल) का उत्पादन 210 टीएमटी से बढ़कर 533 टीएमटी हो जाएगा।

ऑयल इंडिया लिमिटेड के सेकेंडरी टैंक फार्म का निर्माण क्रूड ऑयल के लगभग 40,000 किलो लीटर के सुरक्षित भंडारण और वेट क्रूड ऑयल से फार्मेशन वाटर को अलग करने के लिए किया गया है। 490 करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना में प्रतिदिन 10,000 किलो लीटर की क्षमता वाली निर्जलीकरण इकाई भी शामिल होगी।

तिनसुकिया के मकुम स्थित गैस कंप्रेशर स्टेशन देश के कच्चे तेल की उत्पादन क्षमता में प्रति वर्ष लगभग 16500 मीट्रिक टन की वृद्धि करेगा। 132 करोड़ रुपये की लागत से निर्मितइस स्टेशन में 3 लो-प्रेशर बूस्टर कंप्रेशरऔर 3 हाई-प्रेशर लिफ्ट कंप्रेशरलगे हैं।

धेमाजी इंजीनियरिंग कॉलेज को लगभग 45 करोड़ रुपये की लागत से 276 बीघा जमीन पर बनाया गया है। यह राज्य का सातवां सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज है और इसमें सिविल, मैकेनिकल और कंप्यूटर साइंस में बीटेक पाठ्यक्रम की पढ़ाई होगी। सुआलकुची इंजीनियरिंग कॉलेज, जिसका शिलान्यास किया जाएगा, का निर्माण लगभग 55 करोड़ रुपये की लागत से 116 बीघा जमीन पर किया जाएगा।

प्रधानमंत्री नोआपाड़ा से दक्षिणेश्वर तक मेट्रो रेलवे के विस्तार का उद्घाटन करेंगे और इस खंड पर पहली मेट्रो सेवा को हरी झंडी दिखाएंगे। कुल 4.1 किलोमीटरके इस विस्तार का निर्माण पूरी तरह से केन्द्र सरकार द्वारा वित्त पोषित464 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। यह विस्तार सड़क यातायात को कम करेगा और शहरी आवागमनमें सुधार लायेगा। इससे लाखों पर्यटकों एवं भक्तों का कालीघाट और दक्षिणेश्वर में स्थित दो विश्वप्रसिद्ध काली मंदिरों तक पहुंचनाआसान हो जायेगा।इस खंड पर बारानगर और दक्षिणेश्वर नाम के दो नवनिर्मित स्टेशनों में आधुनिक यात्री सुविधाएं हैं और उन्हेंआकर्षक भित्ति चित्रों, तस्वीरों, कलाकृतियों और मूर्तियों से सजाया और संवारा गया।

प्रधानमंत्री दक्षिण-पूर्व रेलवे की 132 किलोमीटर लंबी खड़गपुर-आदित्यपुरतीसरी लाइन परियोजना की 30 किमी की लंबाई वालीकलईकुंडा और झारग्राम के बीच तीसरी लाइन का भी उद्घाटन करेंगे, जिसे1312 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत के साथ मंजूरी दी गई थी। कलईकुंडाऔर झारग्राम के बीच स्थित चार स्टेशनों का पुनर्विकास मौजूदा बुनियादी ढांचे के नवीनीकरण के साथ-साथ चार नए स्टेशन भवन, छह नए फुट ब्रिज और ग्यारह नए प्लेटफॉर्म का निर्माण करके किया गया है। यह लाइन हावड़ा-मुंबई ट्रंक मार्ग पर यात्री और मालगाड़ियों की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित करने में मददगार साबित होगी।

प्रधानमंत्री अजीमगंज से लेकर खरगाघाट रोड रेलखंड के दोहरीकरण को राष्ट्र को समर्पित करेंगे किया, जोकिपूर्वी रेलवे के हावड़ा-बैण्डेल- अजीमगंज खंड का एक हिस्सा है औरजिसे लगभग 240 करोड़ रुपये की परियोजना लागत से पूरा किया गया है।

प्रधानमंत्री हावड़ा-बर्धमान कॉर्ड लाइन के दनकुनी एवं बरुइपारा के बीच चौथी लाइन(11.28 किलोमीटर) और हावड़ा-बर्धमान मेन लाइन, जोकि कोलकाता के प्रिंसिपल गेटवे के रूप में कार्य करती है, के रसूलपुर एवं मगरा के बीच तीसरी लाइन (42.42 किलोमीटर) को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। रसूलपुर और मगरा के बीच तीसरी लाइन 759 करोड़ रुपये की लागत से बिछाई गई है, जबकि दनकुनी और बरुइपारा के बीच चौथी लाइन 195 करोड़ रुपये की परियोजना लागत से बिछाई गई है। ये परियोजनाएं बेहतर परिचालन तरलता, यात्रा में कम समय लगने और ट्रेन परिचालन में अपेक्षाकृतअधिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ–साथ इस क्षेत्र के समग्र आर्थिक विकास को बढ़ावा देंगी।

Writer:zninews(2021-02-21)
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